मोदी सरकार ने RTI को क्या कमज़ोर कर दिया

भारी विरोध और विपक्षी दलों की कड़ी आपत्ति के बावजूद राज्यसभा में भी आरटीआई संशोधन बिल 2019 पास हो गया.

विपक्ष इसे सिलेक्ट कमिटी में भेजने की मांग कर रहा था, लेकिन इस पर हुए मतदान में विपक्ष को 117 के मुक़ाबले 75 मत ही मिले.

राष्ट्रपति की मुहर के बाद आरटीआई में संशोधन लागू हो जाएगा. नए संशोधन के तहत केंद्रीय और राज्य स्तरीय सूचना आयुक्तों की सेवा शर्तें अब केंद्र सरकार तय करेगी. साथ ही सूचना आयुक्तों का सुप्रीम कोर्ट के जज के बराबर का दर्ज़ा भी ख़त्म हो जाएगा.

विपक्ष और सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि सरकार ने आरटीआई एक्ट को कमज़ोर करने के लिए संशोधन किया है जबकि न तो इसमें बदलाव की कोई मांग थी और ना ही ज़रूरत.

हालांकि सरकार इन आरोपों को ख़ारिज कर रही है कि आरटीआई संशोधन बिल से इसकी स्वायत्तता कमज़ोर होगी. कार्मिक मंत्री जितेंद्र सिंह का कहना है कि इस तरह के आरोप बेबुनियाद हैं और इनका कोई आधार नहीं है.





आरटीआई एक्ट बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले सामाजिक कार्यकर्ता निखिल डे का कहना है कि केंद्र सरकार बिना कारण इस क़ानून को कमज़ोर करने में लगी हुई थी.



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